स्पीकर में मैगनेट (चुम्बक) क्यो लगाया जाता है?
क्या आप जानते हैं स्पीकर में मैगनेट क्यों लगाया जाता है?
आपने स्पीकर जरूर देखा होगा उसमें एक मैग्नट (चुम्बक) लगा होता है तो आइए जानते हैं
कि Speaker
में मैग्नेट क्यो लगे होते हैं। और इनका क्या यूज होता है।
Speakers me magnate kyo laga hota hai
हम जो भी म्यूजिक सुनते है या फिर मोबइल पर किसी की बात सुन
पाते है, ये सब स्पीकर के द्वारा ही संभव हो पाया है। हम सभी जानते हैं कि स्पीकर
में एक मैग्नेट लगा होता है लेकिन सवाल यह है कि स्पीकर मे चुम्बक क्यो लगा होता
है जबकि विद्युत की मदद से भी मैग्नेटिक फील्ड तैयार किया जा सकता है। इसका कारण
यह है कि किसी भी स्पीकर को काम करने के लिए दो मैग्नेट की जरूरत होती है, एक
स्थाई मैग्नेट जो कि स्पीकर के पीछे साईड फिक्स किया जाता है और दूसरा इसके अंदर
अस्थाई मैगनेट जिसे इलेक्ट्रोमैग्नेट भी कहते है यह स्पीकर को पॉवर सप्लाई मिलने
पर activate
होता है किन्तु इसे हम देख नही सकते। लेकिन स्पीकर से ध्वनि कैसे
निकलती है आइए इसे समझते है।
स्पीकर में आगे की ओर एक गोलाकार पेपर, प्लास्टिक या किसी हल्के
धातु की परत लगी होती है जिसके पीछे की तरफ एक Coil लगी होती है जो
स्थाई मैग्नेट के आगे फिट होती है। इस Coil को इस तरह फिट किया
जाता है कि यह Coil आसानी से आगे पीछे मूव कर सके। जब भी इन Coil को एम्पलीफायर से कनेक्ट किया जाता है और उसमें पॉवर दिया जाता है तब इलेक्ट्रोमैग्नेट
फील्ड जनरेट हैता है जिससे स्पीकर में लगा स्थाई मैग्नेट Coil को अपनी ओर खीचता है और छोड़ता है। एम्पलीफायर से प्राप्त सिग्नल के अनुशार
Coil बार बार आगे पीछे मूव होती है जिससे स्पीकर पर लगे परदे
पर कंपन पैदा होता है जिससे इलेक्ट्रोमैग्नेट वेव ,साउंड वेव के रूप में बदल जाता
है और हम कोई भी आवाज सुन पाते है।
स्पीकर का मेन कार्य होता है Electric wave को Sound wave में कन्वर्ट करना, लेकिन यह तभी संभव
है जब दो मैग्नेट ऐसे फिट किया जाए की इन दोनो मैग्नेट के बीच अपकर्षण / आकर्षण हो सके, इसलिए स्पीकर में एक स्थाई मैग्नेट और एक इलेक्ट्रोमैग्नेट
लगाया जाता है।
स्थाई मैग्नेट क्या है? स्थाई
मैग्नेट बह है जो अपने चुम्बकीय गुण को हमेशा साथ लिए रहता है और इसका चुम्बकत्व
कभी खत्म नही होता है।
अस्थाई मैग्नेट क्या है? अस्थाई
मैग्नेट वह है जो की विद्युत धारा के प्रवाह से उत्पन्न किया जाता है ऐसे मैग्नेट
में जब विद्यत धारा का प्रवाह बंद हो जाता है तो इसमें चुम्बकीय गुण न के बराबर
होता है। इसलिए इसे इलेक्ट्रोमैग्नेट भी कहते हैं।
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